दृष्टी
ज्ञान की उपासना यही आनंद का मार्ग है
समान विचारधारा और ध्येय के लोगोंको के लिए एक मंच प्रदान करना हमारा उद्देश्य है। हम इस मंच पर कला, साहित्य, वैद्यकीय, इतिहास, कविता, आत्मचरित्र इत्यादि विषय आपके सामने प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं, ताकि ज्ञान के इस सागर में विभिन्न क्षेत्रों में पाठकों का प्रेम और बढ़ता जाए।
ध्येय
वाचन संस्कृति को विकसित करने और पाठकों की दृष्टि को और बढ़ाने के लिए। हम ‘The Leading Phase’ की टीम हमेशा ही सभी पाठकों तक सर्वोत्तम और गुणवत्तापूर्ण साहित्य पहुंचाने की कोशिश करते है।

अपूर्व कुलकर्णी
Editor In Chief & Blogger
नमस्कार, मैं अपूर्व कुलकर्णी , मैं एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हूं। लेकिन इंजीनियरिंग के साथ-साथ ही, मुझे हमेशा साहित्य, इतिहास, अर्थशास्त्र, नाटक और तत्वज्ञान से प्रेरित होता आ रहा हूं और अर्थात इन विषयों को अधिक जानने के लिए किताबे पढ़ना ही एकमात्र तरीका है। जैसा कि अॅना फ्रँकने कहा है, ‘ किताबों में लोगों की तुलना में अधिक धैर्य होता है‘। इसलिए पढ़ना हमेशा से ही मेरे लिए आनंद का मार्ग रहा है। अंग्रेजी और मराठी के कई बड़े और महान लेखकोंसे में प्रेरित होता आ रहा हूँ। इसके अलावा, मेरे कुछ विभिन्न विषयों पर लिखे हुए लेख सम्मानित समाचार पत्र में प्रकाशित किये गए है। अंततः, आइए हमारे साथ जुड़ें और ज्ञान के सागर में एक साथ और गहरे डुबकी लगाने का आनंद लें।

श्रेय कोठावदे
Blogger, Content & Social Media Manager
नमस्कार पाठकों, मेरा परिचय यह कि व्यवसाय से एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हु, लेकिन नेमबाजी, कराटे और सिंथेसाइज़र मैं छोटी ही सही सफलता पायी हैं। मैं हमेशा उन गतिविधियों में दिलचस्पी लेता हूं जो दिमाग को तेज़ी देती हैं।
मेरे नए सीखने के रवैये के कारण, मैं पढ़ने के आदी हो गया और विभिन्न विषयों में उत्सुकता और जिज्ञासु रवैये की वज़ह से मेरा लेखन की ओर रुख मुड़ गया। मैं हमेशा आध्यात्मिकता, चरित्र, उद्योजकता, व्यवसाय व्यवस्थापन, ई. जैसे विभिन्न विषयों पर पढ़ता हूं। मेरी राय में, सामग्री वह है जो वाचक के जीवन में कुछ जोड़ सकती है। जे के राउलिंग का एक खूबसूरत उदाहरण हमेशा मुझे चौंकाता है, "मेरा मानना है कि जब भी हम अच्छी किताब पढ़ते हैं, तो हमारे जीवन में कुछ चमत्कार हो सकता है।"

ताहिरा अहमद
Community Manager & Blogger
मेरा नाम ताहेरा अहमद है और मैं एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हूँ। मुझे हमेशा लेखन का जुनून था, चाहे वह स्कूल की प्रतियोगिता के लिए हो या सिर्फ अपने लिए लिखने के लिए।मानव प्रकृति और व्यवहार पैटर्न के बारे में पढ़ना और व्यवहार का स्वरूप हमेशा मेरे लिए एक रोमांचक विषय रहा है, जिसके परिणामस्वरूप मैंने इसके बारे में अधिक पढ़ा और अंततः लिखा भी।"दिल मिले ना मिले हाथ मिलाये चलिए "एक बार जब मेरे नानाजी ने मेरे लिए यह उद्धृत किया, तो उन्होंने कहा कि अगर दो लोगों की राय अलग है, लेकिन हमेशा उनका सम्मान करना याद रखें।

डॉ. धनंजय पटेल
Blogger
नमस्कार! मेरी पहचान डॉ धनंजय पटेल है। इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में काम करता हु।
जैसा कि Anna Quindlen केहती है “पुस्तकें विमान, ट्रेन और सड़कें हैं। साथ ही यात्रा का अंतिम स्थान, यात्रा और इसी तरह घर भी है।” इसी तरह से पढ़ना और लिखना हमेशा मुझे प्रेरणा देता है। जब भी मैं अपनी पसंदीदा सामग्री पढ़ता हूं, तो मैं खुद के साथ पूरी तरह से सुसंगत हो जाता हूं। और मुझे लगता है कि बाहरी मदद से केवल ज्ञान की खोज की जा सकती है। इसलिए हमें हमेशा ज्ञान प्राप्त करने की स्थिति में रहना चाहिए जिसके लिए पढ़ना और लिखना सही तरीका है।

डॉ. अंजली देशपांडे
Blogger & Poet
नमस्कार, मैं एक शोधकर्ता और IEEE संस्था की वरिष्ठ सदस्या, LMISTE की एक सदस्या, IETE की सदस्या, इंजीनियर्स संस्थान की सदस्या ऐसी मेरी पहचान। मैं एक पूर्व प्रोफेसर और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख के रूप में प्रभारी रही हूं। मुझे छात्रों के साथ रहना, उन्हें समझने की कोशिश करना, उनसे नई चीजें सीखना पसंद है। यह हमेशा मेरे लिए एक एनर्जी ड्रिंक है।
मैं तब से पाठक हूं जब मैं एक बच्ची थी और अभी भी मेरे दिमाग में सकारात्मकता फैलाने के लिए कुछ पढ़ रही हूं। मुझे लगता है कि लेखन अपने विचारों को व्यक्त करने और लोगों से जुड़ने का एक शानदार तरीका है। कई महान लेखकों से प्रेरित होकर, जिन्होंने मुझे बेहतर के लिए बदल दिया है। मैंने अभी लिखना शुरू किया है। मुझे प्रेरणादायक बातें, प्रकृति कविताएं और यात्रा के अनुभव लिखना पसंद है।

डॉ. चित्रा गोस्वामी
Blogger & Poet
नमस्कार दोस्तों , मैं चित्रा गोस्वामी रत्नागिरी के एक कॉलेज में हिंदी की प्रोफेसर हूँ| बचपन से शांत स्वभाव के कारण बोलने से अधिक मुझे कुछ पढ़ना अच्छा लगता था। सामान्यतः आठवी कक्षा से ही मैंने कविता, कहानी और नाटक लेखन करना भी शुरू किया।जो भी लिखती थी उसे सालों तक संजोकर रखा।उम्र के साथ प्रगल्भता आती गयी।लेखन में मौलिकता और दूरदर्शिता भी आ गयी। 'मैं' को छोड़कर समष्टि के साथ जुड़ गई। आज तक हिंदी तथा मराठी कविता, कहानी की किताबें प्रकाशित होती रही है। माँ और पिताजी की प्रेरणा से लेखन और पठण होता रहा है। ईश्वर कृपा से लेखन की लंबी यात्रा तय करने का इरादा है। कहते है ना।, 'कोशीश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।'

शर्वरी ताथवडेकर
Blogger
‘Tell me and I shall forget, show me and I may remember, involve me and I will understand.' अर्थात ये वाक्य बहोत ही सत्य है की,छात्रों को सक्रिय बनाना और उनकी पढ़ाई में सक्रिय रूप से भाग लेना ही महत्वपूर्ण है।
नमस्कार! मैं शर्वरी, मैं एक शिक्षक प्रशिक्षक हूं और अनेक विविध भाषाओंका अभ्यास करना मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। नये-नये प्रायोगिक विधि का उपयोग करके और सीखने की प्रक्रिया में छात्रों को शामिल करके, मेरी कक्षा के बच्चे खुशी से छात्र-केंद्रित वातावरण में भाषा विषयों का अध्ययन करते हैं। मैं कुछ वर्षों से M.Ed कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थी। ‘संवाद’ नामक विद्यार्थी तथा उनके माता-पिता के लिए काम करने वाले समूह की भी मैं सदस्य हूं। मुझे पढ़ना अच्छा लगता है और ललित लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं इन blogs के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत करनेका प्रयास करुँगी। धन्यवाद!

पुष्कर नाचणे
Blogger
मैं, पुष्कर नाचने, अंतिम वर्ष के आयुर्वेदाचार्य (बीएएमएस) का छात्र हूं। किताबे पढ़ने की दिलचस्पी मुझे स्कूल से ही थी। जब वैद्यकीय ग्रंथ और संहितासे मेरा परिचय हुवा, तो यह समझा गया कि हमारे पुर्वज चिकित्सक (चरक,सुश्रुत जैसे चिकित्सक) सभी छोटी और बड़ी बीमारियों का एक व्यापक अध्ययन और व्याख्या कर चुके है। मेरा लक्ष्य यहीं है की, हमारे पुरखों का ये अमूल्य ज्ञान मैं वाचकों तक आजकी आसान भाषा मैं बता सकु और उनकी रूचि बढ़ा सकु।

Blogger
नमस्कार मैं निकिता,IIT Bombay में Post Doctoral Fellow हूँ| मेरी हर रचना मेरे अंतर्मन की ओर बढ़ाया वह कदम है, जो मुझे कायनात से आत्मसात कर देता है | अपनी इन भावनाओं को अंकित करना, मेरे लिए, इस ब्रह्मांड को आलिंगन देने के समान है |कागज आकाश और कलम रवि है ,कवि समाज में साक्षरता की छवि है |

पूर्वा हिंगणे
Blogger
मेरा नाम पूर्वा हिंगने है और मे इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हूं। मैंने हायस्कूल मे ही किताब पढ़ना शुरू कर दिया था। तब से ही मैं उनमें खो जाती हुं। मै उस वक्त बहुत किताब पढ़ा करती थी और इसलिए मुझे लगता था की मे लिख भी पाऊंगी। किताबे पढना और कुछ लिखना इस मे कैसे चला जाता था पताही नही चलता था। पढ़ना लिखना हमेशा से एक अलग ही अनुभव रहा है। जैसे खुद के साथ जो बात गुजरते है। अकेले मे सब से दूर पर फिर भी दिल को सुहाना एहसास मिलता है जैसे किसी से दिल भरके बातें की है। मुझे उस पुस्तक पर नोट्स रखना पसंद था जो मैंने पढ़ी थी।
“एक बार जब आप अपनी खामियों को स्वीकार कर लेते हैं, तो कोई भी आपके खिलाफ उनका इस्तेमाल नहीं कर सकता है। "
मैं इस वाक्य से बहुत प्रभावित हुआ। क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि आपने पहले और सबसे कठिन काम को पार कर लिया होगा। वह है आपके भीतर की त्रुटि को पहचानना। और एक बार जब आप अपने आप में दोषों की पहचान कर लेते हैं और उन्हें स्वीकार करते हैं, तो एक आखिरी कदम उन्हें दूर करना या उन्हें कुछ हद तक कम करना है।

अजय चौरसिया
Blogger
नमस्कार दोस्तों,मैं अजय चौरसिया, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार अभियांत्रिक और समाज सेवक हूँ। लेख, कविताएं, कहानियां, नाटक यह भी मेरी ज़िन्दगी का एक अटूट हिस्सा है जिसमे कविताएं लिखना मुझे सबसे प्रिय है। कविताएं एक माध्यम होती है लोगो के सामने अपने बात और जस्बात रखने का।
दिमाग नही दिल अपने पास रखता हूँ,
शायर हूँ जनाब, शायरी पास रखता हूँ,
कोरे कागज़ों की किस्मत बदल दू मैं,
ऐसी एक कलम साथ रखता हूँ....