top of page
Search

गुनाह ...


गुनाह तो हम करते हैं

सत्य के मार्ग पर चलकर,


गुनाह तो हो जाता है

प्रेम का बर्ताव कर,


गुनाह तो खूबसूरत है

किसी का दिल जीतकर,


गुनाह तो कबूल है

किसी को जीवन देकर,


गुनाह करे हर कोई

मदद का हांथ बांटकर,


गुनाह तो अच्छा होता है

निष्पाप मन पाकर,


गुनाह कर जिए हम

गुनाह कर मरें हम,


दे जिंदगी दुबारा

गुनाह फिर करने,


ईश्वर से बस हम

दुवा यही मांगते है।


- डॉ. चित्रा मिलिंद गोस्वामी

bottom of page