बिटियावक्त से पहले ख्वाब कुचल दिए गए, के हाथ मेंहदी से रंग दिए गए, बाबू ने नही पूछी बिटिया, पसंद का है तोरी ? बस दूसरे के पलड़े में बांध दिए...
माँमाँ! तुम हमेशा होती हो साथ मेरे साएँ की तरह, चाहे कितना भी दूर रहूं मैं तुमसे, तुम्हे न जाने कितनी परेशानियां होती है, पर तुम सदा...
प्रेमाचे दोन शब्दआपण आयुष्यभर एकटे राहु शकतो का? नाही ना. आपल्याला कोण तरी हव असतं एक साथी, मित्र, मैत्रीण. ज्यांनी आपल्याशी बोलावं आपल्या मनातलं ऐकावे...
पंचभूततुझसे हूँ, तुझमे ही मिल जाऊंगा, ऐ माटी तू अपना बना लेना, तू गोद में अपनी सुला लेना, पंचभूतो सेये बना शरीर, पंचभूतों कोही करता हूँ अर्पण,...
यादआ तुझे लखनऊ की शाम, और बनारस की सुबह कर लूँ, कभी मिल मुझे फुरसत से, तुझे मेरे सीने का दिल कर लूँ, नदियां मिल जाती है संगम में जैसे, तू भी...
इंतज़ारप्रिय सखी, मैंने अपने दिल की बात, और सारे जस्बात, लिख भेजे थे खत में, डाकिया के हाथ, वक़्त गुज़र गया, ना जवाब आया और, ना ही डाकिया आया,...